Detailed Notes on Shodashi
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Inspiration and Empowerment: She is a symbol of strength and braveness for devotees, particularly in the context from the divine feminine.
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
Her third eye signifies greater perception, helping devotees see beyond Actual physical appearances into the essence of fact. As Tripura Sundari, she embodies love, compassion, as well as joy of existence, encouraging devotees to embrace lifestyle with open up hearts and minds.
Essentially the most revered amongst these may be the 'Shodashi Mantra', which is mentioned to grant the two worldly pleasures and spiritual liberation.
देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥
The Mahavidya Shodashi Mantra is usually a robust Instrument for those trying to find harmony in particular relationships, Imaginative inspiration, and steerage in spiritual pursuits. Typical chanting fosters psychological therapeutic, boosts instinct, and assists devotees entry increased knowledge.
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, more info अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥